” जिसने भी इस खबर को सुना सर पकड़ लिया ,
कल इक दिये ने आँधी का कालर पकड़ लिया !
उसकी रगो में दौड़ रहा था मेरा लहुँ ,
बेटे ने बढ़ के दस्त-ए -सितमगर पकड़ लिया!! “
” जिसने भी इस खबर को सुना सर पकड़ लिया ,
कल इक दिये ने आँधी का कालर पकड़ लिया !
उसकी रगो में दौड़ रहा था मेरा लहुँ ,
बेटे ने बढ़ के दस्त-ए -सितमगर पकड़ लिया!! “
” किसी को अपने अमल का हिसाब क्या देते ,
सवाल सारे गलत थे जवाब क्या देते “
दीपावली की हार्दिक शुबकामनाएं:
” दियो की रौशनी से झिलमिलाता आँगन हो ,फटाखों की गूँजो से आसमान रोशन हो
ऐसी आये झूम के ये दीपावली ,हर तरफ खुशियों का मौसम हो ……………………………”
जहर भी मीठा लगे तो ताज्जुब मत कीजिए,
यह क़ातिलों का शहर है प्यार से कत्ल होना सीखिए…
उलफतें, उलझनें, रंजिसें और तन्हाईयाँ,
बस यूँ ही जिंदगी का एक दिन और बीत गया..
” शायद ये ज़माना उन्हें पुजने लगे ,
कुछ लोग इस ख्याल से पत्थर हो गये “
” करना ही नहीं चाहता था में तुमको लाजवाब
वरना सो-सो जवाब थे तुम्हारे इक-इक सवाल के “
“वाह रे इश्क तेरा क्या कहना ,
जो तुझे जान ले तू उसकी जान ले “
“मेरा कारनामा -ए -ज़िन्दगी मेरी हसरतो के सिवा कुछ भी नहीं,
ये किया नहीं ,वो हुआ नहीं ,ये मिला नहीं ,वो रहा नहीं “